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हिलाल बिन उमैया -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के सामने अपनी पत्नी पर शरीक बिन सहमा के साथ…
हिलाल बिन उमैया -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के सामने अपनी पत्नी पर शरीक बिन सहमा के साथ कुकर्म करने का आरोप लगाया, तो अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “तुम (चार) गवाह पेश करो, वरना तुम्हारी पीठ पर मिथ्या आरोप लगाने की सज़ा के तौर पर कोड़े लगाए जाएँगे।”
अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से रिवायत है कि हिलाल बिन उमैया -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के सामने अपनी पत्नी पर शरीक बिन सहमा के साथ कुकर्म करने का आरोप लगाया, तो अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “तुम (चार) गवाह पेश करो, वरना तुम्हारी पीठ पर मिथ्या आरोप लगाने की सज़ा के तौर पर कोड़े लगाए जाएँगे।” उन्होंने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! अगर हममें से कोई अपनी बीवी के साथ किसी को बुरा काम करते देखे तो क्या वह गवाह तलाश करता फिरे? लेकिन आप यही फ़रमाते रहे : “(चार) गवाह पेश करो, वरना तुम्हारी पीठ पर मिथ्या आरोप लगाने की सज़ा के तौर पर कोड़े लगाए जाएँगे।” स्थिति देख हिलाल -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! उस अल्लाह की क़सम, जिसने आपको सत्य के साथ भेजा है, मैं सच्चा हूँ और अल्लाह कुरआन में ज़रूर ऐसा हुक्म नाज़िल करेगा, जिससे मेरी सज़ा टल जाएगी। फिर जिबरील -अलैहिस्सलाम- आए और आपपर यह आयत उतारी : {والذين يرمون أزواجهم} (वह लोग जो अपनी पत्नियों पर व्यभिचार का आरोप लगाते हैं...) [सूरा नूर : 6] और आगे पढ़ते हुए यहाँ तक पहुँचे : {إن كان من الصادقين} (अगर वह सच्चे लोगों में से है।) [सूरा अन-नूर : 9] इसके बाद अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने इस मसले पर तवज्जो दी और उस औरत को बुला भेजा। हिलाल -रज़ियल्लाहु अन्हु- भी आ गए और अल्लाह की क़सम खाकर बताया कि वह सच्चे हैं। उधर नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- बार-बार कहते रहे : “अल्लाह जानता है कि तुम दोनों में से एक ज़रूर झूठा है। लिहाज़ा क्या तुममें से कोई तौबा करना चाहता है?” फिर वह औरत उठी और उसने भी अल्लाह की क़सम खाकर बताया कि उसका पति झूठा है। जब वह पाँचवीं बार कहने लगी, तो लोगों ने उसे रोका और बताया कि यदि वह झूठी है तो यह गवाही अल्लाह के दंड का कारण बन जाएगी। अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- का बयान है कि यह सुन वह हिचकिचाई और झिझकी तथा हमें लगने लगा कि शायद वह पीछे हट जाए। लेकिन, फिर बोली : मैं अपनी क़ौम को हमेशा के लिए रुसवा नहीं करूँगी। फिर पाँचवीं बार भी कह दी। इसपर अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “उसपर नज़र रखो, अगर उसके यहाँ सुरमई आँखों वाला, मोटे नितंबों वाला और भरी हुई पिंडलियों वाला बच्चा पैदा हुआ तो समझो कि वह शरीक बिन सहमा का है।” चुनांचे उस औरत के यहाँ कुछ ऐसी ही शक्ल व सूरत का बच्चा पैदा हुआ। यह देख अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “अगर कुरआन में लेआन का हुक्म नाज़िल न हुआ होता, तो मैं उसे अच्छी तरह सज़ा देता।”