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उमर बिन ख़त्ताब (रज़ियल्लाहु अंहु) ने लिखा थाः हर जादूगर पुरुष एवं स्त्री को क़त्ल कर दो।
उमर बिन ख़त्ताब (रज़ियल्लाहु अंहु) ने लिखा थाः हर जादूगर पुरुष एवं स्त्री को क़त्ल कर दो।
बजाला बिन अबदा कहते हैं कि उमर बिन ख़त्ताब (रज़ियल्लाहु अंहु) ने लिखा थाः हर जादूगर पुरुष एवं स्त्री को क़त्ल कर दो। वह कहते हैंः अतः, हमने तीन जादूगरनियों को मार डाला। और अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि हफ़सा (रज़ियल्लाहु अंहा) को उनकी दासी ने जादू कर दिया और बाद में जादू करने का एतिराफ़ भी कर लिया तो अबदुर रहमान बिन ज़ैद के आदेश पर उसे क़त्ल कर दिया गया। और अबू उसमान नहदी कहते हैं कि वलीद के पास एक व्यक्ति था, जो जादू का खेल दिखाता था। उसने एक व्यक्ति को ज़बह करके उसके सिर को अलग कर दिया। हमें बड़ा आश्चर्य हुआ। फिर दोबारा उसे जोड़ भी दिया। बाद में जुंदुब अज़दी आए और उसे क़त्ल कर दिया।
[सारी रिवायतों को मिलाकर सह़ीह़] [इसे बैहक़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे मालिक ने रिवायत किया है।]
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चूँकि जादू एक बड़ी सामाजिक बीमारी है और उससे हत्या, नाहक तरीके से लोगों के धन पर क़ब्ज़ा करने और पति-पत्नी के बीच जुदाई डालने जैसी बड़ी-बड़ी बुराइयाँ और अप्रिय परिणाम सामने आते हैं तथा इसके कुछ रूप कुफ़्र तक भी पहुँचे हुए हैं, जिनमें शैतान का सहयोग और उसकी निकटता प्राप्त की जाती है, इसलिए अल्लाह ने इसका स्थायी एवं संपूर्ण उपचार यह बताया है कि जादूगर को क़त्ल कर दिया जाए, ताकि समाज की शिष्टता एवं स्वच्छता को सुरक्षित रखा जा सके। यही कारण है कि सहाबा (रज़ियल्लाहु अनहुम) ने यही करके दिखाया है।التصنيفات
इस्लाम से निष्कासित करने वाली बातें