अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब यात्रा में होते और रात को ठहरते तो दाएँ करवट पर लेटते और जब सुब्ह से कुछ…

अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब यात्रा में होते और रात को ठहरते तो दाएँ करवट पर लेटते और जब सुब्ह से कुछ पहले ठहरते तो अपना दाहिना बाज़ू खड़ा कर लेते और अपना सर अपनी हथेली पर रख लेते।

अबू क़तादा अंसारी (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जब यात्रा में होते और रात को ठहरते तो दाएँ करवट पर लेटते और जब सुब्ह से कुछ पहले ठहरते तो अपना दाहिना बाज़ू खड़ा कर लेते और अपना सर अपनी हथेली पर रख लेते।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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यात्रा के आदाब तथा अहकाम