إعدادات العرض
मैंने किसी मोटे और महीन रेशम को नहीं छुआ है, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के हाथ से अधिक मुलायम हो
मैंने किसी मोटे और महीन रेशम को नहीं छुआ है, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के हाथ से अधिक मुलायम हो
अनस (रज़ियल्लाहु अनहु) कहते हैं कि मैंने किसी ऐसे मोटे और महीन रेशम को नहीं छुआ है, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की हथेली से अधिक मुलायम हो और न ही ऐसी खुश्बू सूंघी है, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के शरीर की ख़ुश्बू से अधिक सुगंधित हो। मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की दस साल तक सेवा की है लेकिन कदापि आप ने मुझे ओह तक नहीं कहा और न ही मैंने कोई काम किया, तो उस पर फ़रमाया कि तुम ने अमुक काम क्यों किया? और मेरे किसी कार्य के न करने पर यह नहीं कहा कि तुम ने ऐसा क्यों नहीं किया?
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]