إعدادات العرض
अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने कभी किसी को अपने हाथ से नहीं मारा। इसी तरह किसी महिला तथा दास पर भी हाथ…
अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने कभी किसी को अपने हाथ से नहीं मारा। इसी तरह किसी महिला तथा दास पर भी हाथ नहीं उठाया। यह और बात है कि अल्लाह के रास्ते में जिहाद कर रहे हों।
आइशा -रज़ियल्लाहु अुन्हा- से मरफ़ूअन वर्णित है : अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने कभी किसी को अपने हाथ से नहीं मारा। इसी तरह किसी महिला तथा दास पर भी हाथ नहीं उठाया। यह और बात है कि अल्लाह के रास्ते में जिहाद कर रहे हों। इसी तरह कभी ऐसा नहीं हुआ कि आपको कोई कष्ट दिया गया और आपने उसका बदला लिया हो। हाँ, यदि अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन किया जाता, तो अल्लाह के लिए बदला लेते।
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 සිංහල ئۇيغۇرچە Hausa Kurdîالتصنيفات
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नर्मी