हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ ख़ैबर युद्ध में शरीक हुए, जहाँ हमें बकरियाँ मिलीं, तो अल्लाह के…

हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ ख़ैबर युद्ध में शरीक हुए, जहाँ हमें बकरियाँ मिलीं, तो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उसका कुछ भाग हमारे बीच बाँट दिया और शेष को माल-ए-ग़नीमत में जमा कर दिया।

अब्दुर रहमान बिन ग़न्म कहते हैंः हम शुरहबील बिन सिम्त के साथ क़िन्नसरीन नगर की सीमाओं में तैनात थे। जब उन्होंने उसपर विजय प्राप्त की, तो वहाँ बकरियाँ और गाएँ मिलीं, जिसका कुछ भाग हमारे बीच बाँट दिया और शेष को माल-ए-ग़नीमत में जमा कर दिया। फिर मैंने मुआज़ बिन जबल (रज़ियल्लाहु अंहु) से मुलाक़ात की और इस घटना का ज़िक्र किया, तो मुआज़ (रज़ियल्लाहु अंहु) ने फ़रमायाः हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ ख़ैबर युद्ध में शरीक हुए, जहाँ हमें बकरियाँ मिलीं, तो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उसका कुछ भाग हमारे बीच बाँट दिया और शेष को माल-ए-ग़नीमत में जमा कर दिया।

[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]

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जिहाद के अहकाम तथा मसायल, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा लड़े गए युद्ध एवं सैन्य कारर्वाइयाँ