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जो शख़्स किसी मुसलमान ग़ुलाम को आज़ाद करेगा, तो अल्लाह आज़ाद किए गए ग़ुलाम के शरीर के हर अंग के बदले उसके शरीर का एक…
जो शख़्स किसी मुसलमान ग़ुलाम को आज़ाद करेगा, तो अल्लाह आज़ाद किए गए ग़ुलाम के शरीर के हर अंग के बदले उसके शरीर का एक अंग दोज़ख़ से आज़ाद करेगा।
अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है, वह कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “जो शख़्स किसी मुसलमान ग़ुलाम को आज़ाद करेगा, तो अल्लाह आज़ाद किए गए ग़ुलाम के शरीर के हर अंग के बदले उसके शरीर का एक अंग दोज़ख़ से आज़ाद करेगा।”
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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दास मुक्त करना