तुम एक-दूसरे के लिए न अल्लाह की लानत की बददुआ करो, न उसके क्रोध की बददुआ करो और न जहन्नम की बददुआ करो।

तुम एक-दूसरे के लिए न अल्लाह की लानत की बददुआ करो, न उसके क्रोध की बददुआ करो और न जहन्नम की बददुआ करो।

समुरा बिन जुन्दुब -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- से मरफ़ूअन वर्णित है : "तुम एक-दूसरे के लिए न अल्लाह की लानत की बददुआ करो, न उसके क्रोध की बददुआ करो और न जहन्नम की बददुआ करो।"

[ह़सन] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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बात करने तथा चुप रहने के आदाब