क़ुरैश के कुछ लोग अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास से गुज़रे, जो एक बकरी को गधे की तरह घसीटकर ले जा…

क़ुरैश के कुछ लोग अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास से गुज़रे, जो एक बकरी को गधे की तरह घसीटकर ले जा रहे थे। यह देख अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “तुम उसका चमड़ा ही उतार लेते।” उन लोगों ने कहा : यह तो मरी हुई है! अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “उसे पानी और क़रज -नामी पेड़ के पत्ते- शुद्ध कर देते हैं।”

आलिया बिंत सुबैय कहती हैं कि उहुद में मेरी कुछ बकरियाँ थीं, जो मरने लगीं, तो मैं नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की पत्नी मैमूना रज़ियल्लाहु अन्हा के पास गई और उनके सामने इसका ज़िक्र किया। मैमूना -रज़ियल्लाहु अन्हा- ने मुझसे कहा : यदि तुम उनके चमड़े उतार लेती, तो उनसे फ़ायदा उठा सकती थी। वह कहती हैं कि मैंने कहा : क्या यह हलाल हैं? मैमूना -रज़ियल्लाहु अन्हा- ने कहा : हाँ। क़ुरैश के कुछ लोग अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास से गुज़रे, जो एक बकरी को गधे की तरह घसीटकर ले जा रहे थे। यह देख अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “तुम उसका चमड़ा ही उतार लेते।” उन लोगों ने कहा : यह तो मरी हुई है! अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “उसे पानी और क़रज -नामी पेड़ के पत्ते- शुद्ध कर देते हैं।”

[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]

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