उस पत्र में, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अम्र बिन हज़्म को लिखा था, यह भी था : क़ुरआन को पवित्र…

उस पत्र में, जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अम्र बिन हज़्म को लिखा था, यह भी था : क़ुरआन को पवित्र व्यक्ति ही छूए

अब्दुल्लाह बिन अबू बक्र बिन ह़ज़्म कहते हैं कि उस पत्र में जो अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अम्र बिन हज़्म को लिखा था, यह भी लिखा था: क़ुरआन को पवित्र व्यक्ति ही छूए।

[सह़ीह़] [इसे मालिक ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]

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क़ुरआन तथा मुसहफ़ों से संबंधित अहकाम