إعدادات العرض
1- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के ज़माने में सूर्य ग्रहण हुआ, तो आपने एक व्यक्ति को आवाज़ लगाने के लिए भेजा कि नमाज़ खड़ी होने वाली है। अतः लोग एकत्र हो गए। फिर आप आगे बढ़े, तकबीर कही और दो रकात में चार रुकू और चार सजदे किए।
2- सूरज और चाँद अल्लाह की निशानियों में से दो निशानियाँ हैं। उन्हें ग्रहण किसी व्यक्ति की मौत और जीवन के लिए नहीं लगता। अतः, जब तुम ऐसा होता देखो तो अल्लाह से दुआ करो, तकबीर कहो, नमाज़ पढ़ो और सदक़ा करो।
3- निश्चय यह निशानियाँ, जिन्हें अल्लाह भेजता है, किसी के मरने या जीने से सामने नहीं आतीं। बल्कि उन्हें वह अपने बंदों को डराने के लिए भेजता है। अतः जब उनमें से कोई चीज़ देखो, तो अल्लाह के ज़िक्र, दुआ और क्षमा याचना की ओर भागो।
4- सूरज और चाँद अल्लाह की निशानियाँ हैं। अल्लाह उनके द्वारा अपने बंदों को डराता है। उन्हें किसी के जीने या मरने से ग्रहण नहीं लगता। अतः जब इस तरह का कुछ देखो, तो नमाज़ पढ़ो और दुआ करो, यहाँ तक कि ग्रहण खत्म हो जाए।