जब तुममें से कोई नमाज़ पढ़े, तो अपनी नमाज़ के लिए कोई ओ़ट बना ले, चाहे वह एक तीर ही क्यों न हो।

जब तुममें से कोई नमाज़ पढ़े, तो अपनी नमाज़ के लिए कोई ओ़ट बना ले, चाहे वह एक तीर ही क्यों न हो।

सबरा बिन माबद जुहनी (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः“जब तुममें से कोई नमाज़ पढ़े, तो अपनी नमाज़ के लिए कोई ओ़ट बना ले, चाहे वह एक तीर ही क्यों न हो।”

[सह़ीह़] [इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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नमाज़ की सुन्नतें