नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ज़ुहर की पहली दो रकातों में सूरा फ़ातिहा और दो सूरतें पढ़ते थे और बाद की दो रकातों…

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ज़ुहर की पहली दो रकातों में सूरा फ़ातिहा और दो सूरतें पढ़ते थे और बाद की दो रकातों में सिर्फ़ सूरा फ़ातिहा पढ़ते थे और कभी कभी कोई आयत हमें सुना भी देते थे।

अबू क़तादा (रज़ियल्लाहु अन्हु) रिवायत करते हैं कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ज़ुहर की पहली दो रकातों में सूरा फ़ातिहा और दो सूरतें पढ़ते थे और बाद की दो रकातों में सिर्फ़ सूरा फ़ातिहा पढ़ते थे और कभी कभी कोई आयत हमें सुना भी देते थे तथा आप पहली रकात को दूसरी रकात से लंबा करते थे। ऐसा ही अस्र में करते थे और ऐसा ही सुबह में करते थे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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