अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने उन्हें नमाज़ पढ़ाते समय सूरा «إذا السماء انْشَقَّتْ» पढ़ी और तिलावत का सजदा किया। जब…

अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने उन्हें नमाज़ पढ़ाते समय सूरा «إذا السماء انْشَقَّتْ» पढ़ी और तिलावत का सजदा किया। जब नमाज़ पढ़ चुके, तो उन्होंने बताया कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने भी इस सूरा में सजदा किया है।

अबू राफ़े का वर्णन है, वह कहते हैं कि अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने उन्हें नमाज़ पढ़ाते समय सूरा «إذا السماء انْشَقَّتْ» पढ़ी और तिलावत का सजदा किया। जब नमाज़ पढ़ चुके, तो उन्होंने बताया कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने भी इस सूरा में सजदा किया है।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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नमाज़ में ग़लती, तिलावत तथा शुक्र के सजदे