अव्वाबीन (नेक लोगों) की नमाज़ उस समय होती है जब ऊँट के बच्चों के पाँव जलने लगें।

अव्वाबीन (नेक लोगों) की नमाज़ उस समय होती है जब ऊँट के बच्चों के पाँव जलने लगें।

ज़ैद बिन अरक़म -रज़ियल्लाहु अन्हु- वर्णन करते हैं कि उन्होंने कुछ लोगों को देखा कि वे चाश्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं, तो उन्होंने कहा : याद रहे, ये लोग जान लें कि इस समय के अलावा दूसरे समय में नमाज़ पढ़ना बेहतर है, निश्चित ही अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “अव्वाबीन (नेक लोगों) की नमाज़ उस समय होती है जब ऊँट के बच्चों के पाँव जलने लगें।”

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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चाश्त की नमाज़, भलाई का आदेश देने तथा बुराई से रोकने से संबंधित अहकाम एवं मसायल