إعدادات العرض
1- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कोई अमल पसंद होता, इसके बावजूद उसे इस डर से छोड़ देते कि कहीं लोग उसपर अमल करने लगें और उनपर फ़र्ज़ कर दिया जाए।
2- अव्वाबीन (नेक लोगों) की नमाज़ उस समय होती है जब ऊँट के बच्चों के पाँव जलने लगें।
3- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- चाश्त की नमाज़ चार रकअत पढ़ा करते थे, और जितना अल्लाह चाहता उतना उसमें ज्यादा करते।
4- क्या नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- चाश्त की नमाज़ पढ़ा करते थे? उन्होंने कहा : नहीं, सिवाय तब जब आप किसी यात्रा से लौट कर आते।