साद बिन उबादा ने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम-से पूछा कि उनकी माँ ने एक मन्नत मानी थी, परन्तु उसे पूरा…

साद बिन उबादा ने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम-से पूछा कि उनकी माँ ने एक मन्नत मानी थी, परन्तु उसे पूरा करने से पहले ही गुज़र गई। अब उन्हें क्या करना है? आपने फ़रमायाः उसे तुम पूरा कर दो।

अब्दुल्लाह बिन अब्बास- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि साद बिन उबादा ने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से पूछा कि उनकी माँ ने एक मन्नत मानी थी, परन्तु उसे पूरा करने से पहले ही गुज़र गई। अब उन्हें क्या करना है? आपने फ़रमायाः उसे तुम पूरा कर दो।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الترجمة

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الشرح

साद की माता की मृत्यु हुई और वह अपनी नज़र पूरी नहीं कर पाईं, तो उनके बेटे साद ने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - से उनकी ओर से उस नज़र को पूरा करने की अनुमति माँगी, तो आप ने उन्हें अनुमति दे दी, और फ़रमायाः उनकी तरफ़ से अदा कर दो।

التصنيفات

क़समें और मन्नतें