हर वह पेय पदार्थ हराम है, जिसमें नशा हो।

हर वह पेय पदार्थ हराम है, जिसमें नशा हो।

आयशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम-से मधु की नबीज़ के बारे पूछा गया, तो फ़रमायाः "हर वह पेय पदार्थ हराम है, जिसमें नशा हो।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से बिता (بتْع) -मधु की नबीज़- पीने के बारे पूछा गया, तो आप ने एक साधारण जवाब दिया, जिसका अभिप्राय यह है कि नामों के भिन्नता का कोई ऐतबार नहीं, यदि हक़ीकत एक हो। प्रत्येक वह द्रव्य, जो नशीला हो, वह मदिरा है तथा हराम है, चाहे किसी प्रकार का हो। यह आप का जामे (अर्थात विषय के सारे पहलुों को शामिल) तथा अपने रब की शरीयत के वर्णन का अच्छा अंदाज़ है, इसी कारण आपकी पैगम्बरी की अवधि में इतना ज्ञान आया है, जिस से लोक तथा प्रलोक में मानवता को सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।

التصنيفات

मद्यपान की हद (दंड), खाने-पीने के आदाब