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आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया कि कह लिया करोः اللهم فاطِرَ السماوات والأرض عالم الغيبِ والشهادة، ربَّ كُلِّ شَيءٍ ومَلِيكَه،…
आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया कि कह लिया करोः اللهم فاطِرَ السماوات والأرض عالم الغيبِ والشهادة، ربَّ كُلِّ شَيءٍ ومَلِيكَه، أَشْهد أن لا إله إلا أنت، أعوذ بك من شرِّ نفسي وشرِّ الشيطان وشِرْكِهِ
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है कि अबू बक्र सिद्दीक (रज़ियल्लाहु अनहु) ने कहा कि ऐ अल्लाह के रसूल! मुझे कुछ ऐसे शब्द बताइए, जो मैं सुब्ह- शाम कहा करूँ। आपने फ़रमायाः कह लिया करोः اللهم فاطِرَ السماوات والأرض عالم الغيبِ والشهادة، ربَّ كُلِّ شَيءٍ ومَلِيكَه، أَشْهد أن لا إله إلا أنت، أعوذ بك من شرِّ نفسي وشرِّ الشيطان وشِرْكِهِ وأن أقترف على نفسي سوءًا أو أجرُّه إلى مسلم" (अर्थात्ः ऐ अल्लाह, ऐ आकाशों एवं धरती के रचयिता, छिपे तथा खुले को जानने वाले, प्रत्येक वस्तु का रब और प्रभु! मैं गवाही देता हूँ कि तेरे सिवा कोई पूज्य नहीं है। मैं अपनी आत्मा की बुराई, शैतान की बुराई एवं उसकी साझेदारी से तेरी शरण माँगता हूँ, तथा इस बात से भी तेरी शरण माँगता हूँ कि अपना तथा किसी मुसलामन का कुछ बुरा करूँ।) इसे सुब्ह- शाम और सोते समय कहा करो।
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सोने तथा जागने के आदाब