अल्लाह ने मेरे लिए धरती को समेट दिया, तो मैंने उसके सूर्योदय के स्थानों और सूर्यास्त के स्थानों को देखा। निश्चय ही…

अल्लाह ने मेरे लिए धरती को समेट दिया, तो मैंने उसके सूर्योदय के स्थानों और सूर्यास्त के स्थानों को देखा। निश्चय ही मुसलमानों का राज्य वहाँ तक पहुँचेगा, जहाँ तक मेरे आगे समेट कर लाया गया है। मुझे लाल तथा सफ़ेद दो ख़ज़ाने दिए गए हैं।

सौबान (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः "अल्लाह ने मेरे लिए धरती को समेट दिया, तो मैंने उसके सूर्योदय के स्थानों और सूर्यास्त के स्थानों को देखा। निश्चय ही मेरी उम्मत का राज्य वहाँ तक पहुँचेगा, जहाँ तक मेरे आगे समेटकर लाया गया है। मुझे लाल तथा सफ़ेद दो ख़ज़ाने दिए गए हैं। मैंने अपने रब से दुआ की है कि मेरी उम्मत को सर्वव्यापी अकाल के जरिए हलाक न करे और उनपर किसी बाहरी शत्रु को हावी न करे, जो उनके अधिकांश लोगों का सफाया कर दे। मेरे रब ने कहा: ऐ मुहम्मद, जब मैं कोई निर्णय कर लिता हूँ, तो वह होकर रहता है। मैंने तुम्हारी उम्मत के बारे में तुम्हारी दुआ काबूल करली है। उनको सर्वव्यापी अकाल के ज़रिए हलाक नहीं करूँगा और उनपर किसी बाहरी शत्रु को हावी न करूँगा, जो उनके अधिकांश लोगों का सफाया कर दे, यद्यपि उनके विरुद्ध धरती के सभी भागों के लोग एकत्र हो जाएँ, यहाँ तक कि खुद वही एक-दूसरे का विनाश करने लगें तथा एक-दूसरे को बंदी बनाने लगें।" इसे बुरक़ानी ने अपनी सहीह में भी रिवायत किया है। उसमें आगे हैः "मुझे अपनी उम्मत के बारे में भय केवल पथभ्रष्ट अगुवाओं का है। जब उनके बीच तलवार चल पड़ेगी, तो क़यामत के दिन तक थमने का नाम नहीं लेगी। तथा क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक मेरी उम्मत का एक क़बीला शिर्क करने वालों से न मिल जाए तथा मेरी उम्मत के कुछ गिरोह बुतों की पूजा न करने लगें। मेरी उम्मत में तीस झूठे पैदा होंगे। उनमें से हर व्यक्ति नबी होने का दावा करेगा। जबकि मैं अंतिम नबी हूँ। मेरे बाद कोई नबी नहीं होगा। तथा मेरी उम्मत का एक गिरोह सदा सत्य पर डटा रहेगा। उस गिरोह में शामिल लोग सहयोग के पात्र होंगे। उनका साथ छोड़ने वाले उनका कुछ नुक़सान न कर सकेंगे, यहाँ तक कि बरकत वाले और उच्च अल्लाह का आदेश आ जाएगा।"

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

इस हदीस के अंदर कई महत्वपूर्ण बातें हैं और सच्ची सूचनाएँ दी गई हैं। इसमें आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने बताया है कि अल्लाह ने आपके लिए धरती को समेट दिया और आपने धरती के उन अन्तिम पूर्वी एवं पश्चिमी क्षेत्रों को देख लिया, जो आपकी उम्मत के अधीन आने वाले थे। आपकी यह सूचना बिल्कुल सत्य साबित हुई, क्योंकि आपकी उम्मत के राज्य का विस्तार धरती के अंतिम पूर्वी छोर से अंतिम पश्चिमी छोर तक हो गया। आगे बताया कि आपको दो ख़ज़ाने दिए गए, जो हुआ भी। खुसरू और क़ैसर (सीज़र) के राज्य, उनके सोने चाँदी और हीरे मोती के खज़ानों के साथ आपकी उम्मत के हाथ लग गए। यह भी बताया कि आपने अल्लाह से दुआ की है कि आपकी उम्मत को सर्वव्यापी अकाल के द्वारा हलाक न करे और उनपर किसी काफिर शत्रु को हावी न कर दे, जो उनके राज्य में घुसकर उनकी जमात का विनाश कर दे। अल्लाह ने आपकी पहली दुआ ग्रहण कर ली। लेकिन दूसरी दुआ उसी समय तक ग्रहणयोग्य होगी, जब तक उम्मत आपसी मतभेद और मार-काट से दूर रहे। अगर इसमें पड़ गई, तो अल्लाह उसपर किसी काफिर शत्रु को हावी कर देगा। इसका दृश्य देखने का भी मिला। जब-जब उम्मत में बिखराव आया, अन्य लोग उसपर हावी हो गए। अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपनी उम्मत पर पथभ्रष्ट शासकों और उलेमाओं का भय प्रकट किया है, क्योंकि लोग उन्हें देखकर गुमराही की ओर चल पड़ेंगे। आगे बताया कि जब इस उम्मत के अंदर फ़ितने और आपसी लड़ाई-झगड़े का सिलसिला शुरू हो जाएगा तो क़यामत तक रुकने का नाम नहीं लेगा। ऐसा हुआ भी। उसमान (रज़ियल्लाहु अनहु) के क़त्ल से जो फ़ितने का द्वार खुला, वह आज तक बंद नहीं हुआ। फिर बताया कि आपकी उम्मत के कुछ लोग रहन-सहन और धर्म के मामले में शिर्क करने वालों से मिल जाएँगे और कुछ लोग शिर्क को भी अपना लेंगे। यह सूचना भी सच साबित हुई और इस्लाम के दावेदार क़ब्रों, पेड़ों और पत्थरों की पूजा में लिप्त हो गए। अंत में बताया कि बहुत-से नुबूवत के दावेदार सामने आएँगे और यह कि नुबूवत का दावा करने वाला हर व्यक्ति झूठा होगा, क्योंकि आपके नबी होने के साथ ही नुबूवत का सिलसिला बंद हो गया है। फिर यह खुशखबरी दी कि इन सारी घटनाओं और विनाशकारियों के बावजूद आपकी उम्मत का एक गिरोह इस्लाम पर कायम रहेगा तथा संख्याबल के दृष्टिकोण से दुर्बल होने के बावजूद इस गिरोह को उसके दुश्मन और विरोधी कुछ नुकसान नहीं पहुँचा सेंकेंगे।

التصنيفات

आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की कृपा