إعدادات العرض
कहाँ है अल्लाह की क़सम खाने वाला कि भला कार्य नहीं करेगा?
कहाँ है अल्लाह की क़सम खाने वाला कि भला कार्य नहीं करेगा?
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने दरवाज़े पर झगड़ने की आवाज़ सुनी। दोनों झगड़ने वालों की आवाज़ें बड़ी तेज़ थीं। आपने सुना कि दोनों में से एक दूसरे से कुछ कम करने को कह रहा था और उससे नर्मी करने की गुहार लगा रहा था। जबकि दूसरा कह रहा था कि अल्लाह की क़सम, मैं ऐसा नहीं करूँगा। यह सुनकर आप दोनों के पास आए और फ़रमायाः "कहाँ है अल्लाह की क़सम खाने वाला कि भला कार्य नहीं करेगा?" उसने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! ऐसा मैंने कहा था, परन्तु अब उसके लिए वह है, जो वह पसंद करे।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Bahasa Indonesia Tagalog Türkçe اردو 中文 Français Tiếng Việt සිංහල ئۇيغۇرچە Hausa Kurdî தமிழ் Русскийالتصنيفات
सरहनायोग्य आचरण