कोई संतान अपने पिता का बदला चुका नहीं सकती, सिवाय इसके कि उसे गुलामी की अवस्था में पाए और ख़रीदकर आज़ाद कर दे।

कोई संतान अपने पिता का बदला चुका नहीं सकती, सिवाय इसके कि उसे गुलामी की अवस्था में पाए और ख़रीदकर आज़ाद कर दे।

अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः कोई संतान अपने पिता का बदला चुका नहीं सकती, सिवाय इसके कि उसे गुलामी की अवस्था में पाए और ख़रीदकर आज़ाद कर दे।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करने की फ़ज़ीलतें