अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने वाले की मिसाल उस व्यक्ति की तरह है, जो उसके अल्लाह के मार्ग में जिहाद से वापस आने तक…

अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने वाले की मिसाल उस व्यक्ति की तरह है, जो उसके अल्लाह के मार्ग में जिहाद से वापस आने तक लगातार रोज़ा रखे, नमाज़ पढ़े और क़ुरआन पढ़ता रहे तथा रोज़ा एवं नमाज़ से थकावट महसूस ना करे।

अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि किसी ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! कौन सा काम अल्लाह के मार्ग में जिहाद के बराबर है? फ़रमायाः तुम उसे कर नहीं सकोगे। उसने दो या तीन बार वही बात दोहराई और आपने हर बार कहाः तुम कर नहीं सकोगे। फिर फ़रमायाः अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने वाले की मिसाल उस व्यक्ति की तरह है, जो उसके अल्लाह के मार्ग में जिहाद से वापस आने तक लगातार रोज़ा रखे, नमाज़ पढ़े और क़ुरआन पढ़ता रहे तथा रोज़ा एवं नमाज़ से थकावट महसूस न करे। तथा बुख़ारी की रिवायत में है कि एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, मुझे कोई ऐसा कार्य बताएँ, जो जिहाद के बराबर हो। आपने उत्तर दियाः मैं कोई ऐसा कार्य नहीं पाता। फिर फ़रमायाः क्या तुमसे यह हो सकता है कि जब मुजाहिद जिहाद के लिए निकले तो तुम अपनी मस्जिद के अंदर चले जाओ और बिना थके नमाज़ पढ़ते रहो एवं बिना छोड़े लगातार रोज़ा रखो? फिर फ़रमायाः इसकी शक्ति भला किसके पास है?

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है। - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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जिहाद की फ़ज़ीलत