यह जिबरील हैं, तुझे सलाम कह रहे हैं।

यह जिबरील हैं, तुझे सलाम कह रहे हैं।

आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मुझसे कहाः यह जिबरील हैं, तुझे सलाम कह रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने कहाः उनपर सलामती हो, अल्लाह की कृपा हो और उसकी बरकतें हों। बुख़ारी और मुस्लिम की कुछ रिवायतों में "وبركاته" शब्द आया हुआ है, जबकि कुछ रिवायतों में नहीं भी है। अलबत्ता, विश्वस्त वर्णनकर्ता का इज़ाफ़ा ग्रहणयोग्य है।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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फ़रिश्तों पर ईमान