ऐ यज़ीद! तेरे लिए वही है, जिसकी तूने नीयत की और ऐ मअन! तेरे लिए वह है, जो तूने लिया।

ऐ यज़ीद! तेरे लिए वही है, जिसकी तूने नीयत की और ऐ मअन! तेरे लिए वह है, जो तूने लिया।

मअन बिन यज़ीद बिन अख़नस- रज़ियल्लाहु अन्हुम- कहते हैं कि मेरे पिता यज़ीद ने दान करने के उद्देश्य से कुछ दीनार निकालकर मस्जिद में एक व्यक्ति के पास रखा। संयोगवश, मैं वहाँ गया और दीनारों को ले लिया। फिर अपने पिता के पास आया तो वह बोेलेः अल्लाह की क़सम! मेरा तुझे देने का इरादा नहीं था। ऐसे में, मैं उन्हें निर्णय के लिए अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास ले गया। आपने फ़रमायाः ऐ यज़ीद! तेरे लिए वह है, जिसकी तूने नीयत की और ऐ मअन! तेरे लिए वह है, जो तूने लिया।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

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नफ़ल सदक़ा