कोई आदमी दूसरे आदमी को उसके स्थान से उठाकर न बैठे। बल्कि (अपने भाई के लिए) जगह बनाओ और गुंजाइश पैदा करो।

कोई आदमी दूसरे आदमी को उसके स्थान से उठाकर न बैठे। बल्कि (अपने भाई के लिए) जगह बनाओ और गुंजाइश पैदा करो।

अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "कोई आदमी दूसरे आदमी को उसके स्थान से उठाकर न बैठे। बल्कि (अपने भाई के लिए) जगह बनाओ और गुंजाइश पैदा करो।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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ज़ियारत तथा प्रवेश की अनुमति लेने के आदाब