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उस दिन जहन्नम लाई जाएगी, जिसकी सत्तर हज़ार लगामें होंगी और प्रत्येक लगाम को सत्तर हज़ार फरिश्ते खींच रहे होंगे।
उस दिन जहन्नम लाई जाएगी, जिसकी सत्तर हज़ार लगामें होंगी और प्रत्येक लगाम को सत्तर हज़ार फरिश्ते खींच रहे होंगे।
अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अन्हु) अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः “उस दिन जहन्नम लाई जाएगी, जिसकी सत्तर हज़ार लगामें होंगी और प्रत्येक लगाम को सत्तर हज़ार फरिश्ते खींच रहे होंगे।”
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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क़यामत के दिन जहन्नम को लाया जाएगा, तो उसे सत्तर हज़ार रस्सियों से बाँधकर रखा गया होगा और हर रस्सी को सत्तर-सत्तर हज़ार फ़रिश्ते पकड़े हुए होंगे।التصنيفات
जन्नत तथा जहन्नम की विशेषताएँ