निश्चित रूप से तुम अपने धन में सब लोगों को शामिल नहीं कर सकते, लेकिन तुम्हारे हँसते चेहरे और अच्छे व्यवहार के दायरे…

निश्चित रूप से तुम अपने धन में सब लोगों को शामिल नहीं कर सकते, लेकिन तुम्हारे हँसते चेहरे और अच्छे व्यवहार के दायरे में सबको आ जाना चाहिए।

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः “निश्चित रूप से तुम अपने धन में सब लोगों को शामिल नहीं कर सकते, लेकिन तुम्हारे हँसते चेहरे और अच्छे व्यवहार के दायरे में सबको आ जाना चाहिए।”

[ह़सन लि-ग़ैरिही (अन्य सनदों अथवा रिवायतों के साथ मिलकर हसन)] [इसे ह़ाकिम ने रिवायत किया है।]

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सरहनायोग्य आचरण