जहाँ तक इस व्यक्ति की बात है, तो इसने अबुल क़ासिम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की अवज्ञा की।

जहाँ तक इस व्यक्ति की बात है, तो इसने अबुल क़ासिम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की अवज्ञा की।

अबू शासा कहते हैं कि हम लोग अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) के साग मस्जिद में बैठे हुए थे कि इसी बीच मोअज़्ज़िन ने अज़ान दी। इतने में एक व्यक्ति खड़ा होकर मस्जिद से जाने लगा, तो अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) उसे लगातार देखते रहे, यहाँ तक कि जब वह मस्जिद से निकल गया, तो फ़रमायाः जहाँ तक इस व्यक्ति की बात है, तो इसने अबुल क़ासिम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की अवज्ञा की।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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अज़ान तथा इक़ामत