मैं देख रहा हूँ कि तुझे बकरी तथा देहात पसंद है। अतः, जब तुम बकरियों के साथ रहो

मैं देख रहा हूँ कि तुझे बकरी तथा देहात पसंद है। अतः, जब तुम बकरियों के साथ रहो

अब्दुल्लाह बिन अब्दुर रहमान बिन अबू सासआ से वर्णित है कि अबू सईद ख़ुदरी (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने उनसे फ़रमायाः मैं देख रहा हूँ कि तुझे बकरी तथा देहात पसंद है। अतः, जब तुम बकरियों के साथ रहो (अथवा देहात में रहो) और नमाज़ के लिए अज़ान दो, तो आवाज़ ऊँची करना। क्योंकि मुअज़्ज़िन की आवाज़, जो भी जिन्न अथवा इनसान और जो भी वस्तु सुनेगी, वह क़यामात के दिन उसके लिेए में गवाही देगी। अबू सईद (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने फ़रमायाः यह बात मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से सुनी है।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

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अज़ान तथा इक़ामत