वह महिला जिसका विवाह हो चुका हो, तो वह (दूसरे विवाह के समय) अपने बारे में फैसला करने में अपने वली से अधिक अधिकार रखती…

वह महिला जिसका विवाह हो चुका हो, तो वह (दूसरे विवाह के समय) अपने बारे में फैसला करने में अपने वली से अधिक अधिकार रखती है और कुँवारी से आज्ञा मांगी जाएगी, तथा उसका चुप रहना उसकी स्वीकृति समझी जाएगी।

इब्ने अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से वर्णित है, वह कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “विवाहित महिला अपने बारे में फैसला करने में अपने वली से अधिक अधिकार रखती है और कुँवारी से आज्ञा मांगी जाएगी, तथा उसका चुप रहना उसकी स्वीकृति समझी जाएगी।”

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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