आइशा -रज़ियल्लाहु अन्हा- का यह बयान कि जब उनकी बराअत (बेगुनाही एवं सतीत्व) से संबंधित आयत उतरी, तो नबी -सल्लल्लाहु…

आइशा -रज़ियल्लाहु अन्हा- का यह बयान कि जब उनकी बराअत (बेगुनाही एवं सतीत्व) से संबंधित आयत उतरी, तो नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मिंबर पर खड़े हुए तथा इस मामले का उल्लेख किया और कु़रआन का पाठ किया। फिर जब मिंबर से उतरे तो दो पुरुष तथा एक महिला के संबंध में आदेश दिया कि (उन्हें झूठा इल्ज़ाम लगाने का दंड जाए) अतः उनपर हद जारी की गई।

आइशा -रज़ियल्लाहु अन्हा- से वर्णित है, वह कहती हैं : “जब मेरी बराअत (बेगुनाही एवं सतीत्व) से संबंधित आयत उतरी, तो नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मिंबर पर खड़े हुए तथा इस मामले का उल्लेख किया और कु़रआन का पाठ किया। फिर जब मिंबर से उतरे तो दो पुरुष तथा एक महिला के संबंध में आदेश दिया कि (उन्हें झूठा इल्ज़ाम लगाने का दंड जाए) अतः उनपर हद जारी की गई।”

[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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व्यभिचार का लांछन लगाने की हद (दंड)