जब तुम हरियाली के दिनों में यात्रा करो तो ऊँट को धरती में चरने का उसका हक़ प्रदान करो और जब सुखाड़ के दिनों में…

जब तुम हरियाली के दिनों में यात्रा करो तो ऊँट को धरती में चरने का उसका हक़ प्रदान करो और जब सुखाड़ के दिनों में यात्रा करो तो उसपर सवार होकर तेज़-तेज़ चलो तथा उसकी शक्ति ख़त्म होने से पहले मंज़िल तक पहुँच जाओ।

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जब तुम हरियाली के दिनों में यात्रा करो तो ऊँट को धरती में चरने का उसका हक़ प्रदान करो और जब सुखाड़ के दिनों में यात्रा करो तो उसपर सवार होकर तेज़-तेज़ चलो तथा उसकी शक्ति ख़त्म होने से पहले मंज़िल तक पहुँच जाओ। तथा जब रात के समय कहीं ठहरना हो तो रास्ते से हटकर ठहरो, क्योंकि यह रात में चौपायों का रास्ता और कीड़े-मकोड़ों का ठिकाना होता है।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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यात्रा के आदाब तथा अहकाम