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यदि मुझे बकरी के पाये तथा बाँह का गोश्त खाने के लिए बुलाया जाए तो स्वीकार कर लूँगा
यदि मुझे बकरी के पाये तथा बाँह का गोश्त खाने के लिए बुलाया जाए तो स्वीकार कर लूँगा
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से मरफ़ूअन वर्णित हैः यदि मुझे बकरी के पाये तथा बाँह का गोशत खाने के लिए बुलाया जाए तो स्वीकार कर लूँगा और यदि मुझे बकरी का पाया तथा बाँह का गोश्त भेंट किया जाए, तो मैं स्वीकार कर लूँगा।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]