सफ़ीना -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है, वह कहते हैं कि मैं उम्मे सलमा -रज़ियल्लाहु अन्हा- का ग़ुलाम था, तो उन्होंने…

सफ़ीना -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है, वह कहते हैं कि मैं उम्मे सलमा -रज़ियल्लाहु अन्हा- का ग़ुलाम था, तो उन्होंने कहा : मैं तुझको आज़ाद करती हूँ इस शर्त पर कि तू जब तक जीवित रहेगा अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की सेवा करता रहेगा।

सफ़ीना -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है, वह कहते हैं कि मैं उम्मे सलमा -रज़ियल्लाहु अन्हा- का ग़ुलाम था, तो उन्होंने कहा : मैं तुझको आज़ाद करती हूँ इस शर्त पर कि तू जब तक जीवित रहेगा अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की सेवा करता रहेगा। मैंने कहा : यदि आप यह शर्त नहीं भी लगातीं, तो भी मैं अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को जीवन भर छोड़ने वाला नहीं हूँ। सो उन्होंने मुझे आज़ाद कर दिया तथा यह शर्त भी रखी।

[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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दास मुक्त करना