मुजाहेदीन की पत्नियाँ, जिहाद में न जाने वालों के लिए उनकी अपनी माताओं के समान हराम हैं

मुजाहेदीन की पत्नियाँ, जिहाद में न जाने वालों के लिए उनकी अपनी माताओं के समान हराम हैं

बुरैदा (रज़ियल्ल्लाहु अनहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: अल्लाह के रास्ते में जिहाद में जाने वालों की पत्नियाँ, जिहाद में न जाने वालों के ऊपर उनकी अपनी माताओं के समान हराम हैं। जो भी किसी मुजाहिद के परिवार की देख- भाल की ज़िम्मेवारी लेता है और फिर धोखा करता है, क़यामत के दिन उसके सम्मुख खड़ा होगा और उसकी नेकी लेता रहेगा यहाँ तक कि वह राज़ी हो जाए। फिर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हमारी ओर मुड़े और फ़रमाया: तुम्हारा क्या ख़्याल है?

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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कुत्सित आचरण, जिहाद के अहकाम तथा मसायल