إعدادات العرض
1- मुस्लिम काफिर का वारिस नहीं हो सकता तथा काफिर मुस्लिम का वारिस नहीं हो सकता।
2- मेरे वारिस न दीनार तक़सीम करेंगे, न दिरहम। जो कुछ मैं अपनी पत्नियों के ख़र्च और अपने लिये काम करने वाले (ख़लीफ़ा आदि ) के ख़र्च के बाद छोड़ूँ, वह सदक़ा है।
3- दो अलग-अलग धर्मों के लोग एक-दूसरे के वारिस नहीं बन सकते।