إعدادات العرض
1- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) किसी महीने में रोज़ा न रखते, यहाँ तक कि हम सोचने लगते कि इस महीने में रोज़ा रखेंगे ही नहीं और किसी महीने में रोज़ा रखते जाते, यहाँ तक कि हमें लगने लगता कि इस महीने में रोज़ा छोड़ेंगे ही नहीं। तथा तुम उनको रात में नमाज़ पढ़ते हुए देखना चाहते तो देख लेते और सोते हुए देखना चाहते तो भी देख लेते।
2- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने निरंतर रोज़ा रखने से मना किया है। लोगों ने कहा कि आप तो निरंतर रोज़े रखते हैं? आपने फ़रमाया: मैं तुम्हरे जैसा नहीं हूँ। मुझे खिलाया और पिलाया जाता है।