ईमान तो यमनी है और हिकमत भी यमनी है

ईमान तो यमनी है और हिकमत भी यमनी है

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: ईमान तो यमनी है और हिकमत भी यमनी है और मैं मुसलमानों को संकट से छुटकारा दिलाने का 'रहमानी' जज़्बा यमन की दिशा से महसूस करता हूँ। सुन लो! कुफ़्र, गुनाह और दिल की सख़्ती बकरी तथा ऊँट वालों में होती है, जो खेती तथा जानवरों से चिपके रहने के कारण ऊँची आवाज़ में बात करने के आदी होते हैं।

[सह़ीह़] [इसे तबरानी ने रिवायत किया है।]

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अल्लाह के नामों और गुणों से संबंधित एकेश्वरवाद