अल्लाह के नामों और गुणों से संबंधित एकेश्वरवाद

अल्लाह के नामों और गुणों से संबंधित एकेश्वरवाद

2- निःसंदेह अल्लाह ने नेकियों और गुनाहों को लिख लिया है। फिर उसका विस्तार करते हुए फ़रमाया : जिसने किसी सत्कर्म का इरादा किया और उसे कर नहीं सका, अल्लाह उसके बदले अपने यहाँ एक पूरी नेकी लिख लेता है और अगर इरादे के अनुसार उसे कर भी लिया, तो उसके बदले में अपने पास दस से सात सौ, बल्कि उससे भी अधिक नेकियाँ लिख देता है। और अगर किसी बुरे काम का इरादा किया, लेकिन उसे किया नहीं, तो अल्लाह उसके बदले में भी एक पूरी नेकी लिख देता है और अगर इरादे के अनुसार उसे कर लिया, तो उसके बदले में केवल एक ही गुनाह लिखता है।

53- जब उच्च एवं महान अल्लाह किसी बंदे से मोहब्बत करता है, तो जिब्रील को पुकारकर कहता है कि अल्लाह अमुक बंदे से मोहब्बत करता है, तो तुम भी उससे मोहब्बत करो। चुनांचे जिब्रील उससे मोहब्बत करने लगते हैं। फिर वह आकाश वालों में एलान करते हैं कि अल्लाह अमुक बंदे से मोहब्बत करता है, तो तुम लोग भी उस से मोहब्बत करो। चुनांचे आकाश वाले भी उससे मोहब्बत करने लगते हैं। फिर धरती पर उपस्थित लोगों के दिलों में उसकी मोहब्बत पैदा कर दी जाती है।