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अल्लाह ने कहा : जब मेरा बंदा मुझसे एक बालिश्त निकट आता है, तो मैं उससे एक हाथ निकट होता हूँ और जब वह मुझसे एक हाथ निकट…
अल्लाह ने कहा : जब मेरा बंदा मुझसे एक बालिश्त निकट आता है, तो मैं उससे एक हाथ निकट होता हूँ और जब वह मुझसे एक हाथ निकट आता है, तो मैं उससे दोनों हाथों के फैलाव के समान निकट होता हूँ और जब वह मुझसे दोनों हाथों के फैलाव के समान निकट आता है, तो मैं उसकी ओर और तेज़ी से बढ़ता हूँ।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : “अल्लाह ने कहा : जब मेरा बंदा मुझसे एक बालिश्त निकट आता है, तो मैं उससे एक हाथ निकट होता हूँ और जब वह मुझसे एक हाथ निकट आता है, तो मैं उससे दोनों हाथों के फैलाव के समान निकट होता हूँ और जब वह मुझसे दोनों हाथों के फैलाव के समान निकट आता है, तो मैं उसकी ओर और तेज़ी से बढ़ता हूँ।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]