तुममें से जो लोग उपस्थित हैं, वे अनुपस्थित लोगों को यह बात पहुँचा दें कि फ़ज्र के बाद दो रकातों के सिवा कोई नमाज़ न…

तुममें से जो लोग उपस्थित हैं, वे अनुपस्थित लोगों को यह बात पहुँचा दें कि फ़ज्र के बाद दो रकातों के सिवा कोई नमाज़ न पढ़ो

अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अनहुमा) के मुक्त किए हुए दास यसार का वर्णन है कि मैं फ़ज्र प्रकट होने के बाद नमाज़ पढ़ रहा था, तो अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़यल्लाहु अनहुमा) ने मुझे देखा और फ़रमाया: ऐ यसार! हम यही नमाज़ पढ़ रहे थे कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हमारे पास आए और फ़रमाया: तुममें से जो लोग उपस्थित हैं, वे अनुपस्थित लोगों को यह बात पहुँचा दें कि फ़ज्र के बाद दो रकातों के सिवा कोई नमाज़ न पढ़ो।

[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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वो समय, जिनमें नमाज़ पढ़ना मना है