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अब्दुर रहमान बिन औफ़ और ज़ुबैर बिन अव्वाम (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से…
अब्दुर रहमान बिन औफ़ और ज़ुबैर बिन अव्वाम (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से किसी युद्ध के दौरान जूँ की पीड़ा की शिकायत की
अनस बिन मालिक से वर्णित है कि अब्दुर रहमान बिन औफ़ और ज़ुबैर बिन अव्वाम (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से किसी युद्ध के दौरान जूँ की पीड़ा की शिकायत की, तो आपने दोनों को रेशमी कुर्ता पहनने की इजाज़त दी और मैंने उन दोनों के शरीर पर रेशमी कुर्ता देखा भी।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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इस्लाम एक आसान धर्म है, इसका एक उदाहरण यह है कि वह आवश्यक कारणों से हराम वस्तु के प्रयोग की भी अनुमति देता है। यहाँ अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने ज़ुबैर तथा अब्दुर रहमान बिन औफ़ -रज़ियल्लाहु अनहुमा- को रेशमी कुर्ता पहनने की अनुति दी है, जबकि पुरुषों के लिए रेशमी वस्त्र वर्जित है। इस अनुमति का कारण यह है कि अल्लाह ने रेशम के अंदर ऐसी ख़ासियत रखी है कि वह जूँ की परेशानी को ख़त्म करता है और ख़ुजली का भी इलाज करता है। इन दोनों के अलावा अन्य लोगों को भी यदि ऐसी बीमारी हो, तो वह भी रेशमी वस्त्र का प्रयोग कर सकते हैं।