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अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जिन लोगों को जंगों में भेजते थे, उन में से कुछ लोगों को विशेष रुप से कुछ…
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जिन लोगों को जंगों में भेजते थे, उन में से कुछ लोगों को विशेष रुप से कुछ ग़नीमत का माल देते थे। यह सेना के आम सदस्यों के भाग से अलग होता था
अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अनहुमा) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जिन लोगों को जंगों में भेजते थे, उनमें से कुछ लोगों को विशेष रुप से कुछ ग़नीमत का माल देते थे। यह सेना के आम सदस्यों के भाग से अलग होता था।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अब्दुल्लाह बिन उमर -अल्लाह उन दोनों से प्रसन्न हो- बता रहे हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- जिन लोगों को जंगों में भेजते थे, उनमें से कुछ लोगों को विशेष रूप से कुछ गनीमत का माल देते थे, जो सेना के आम सिपाहियों को मिलने वाले हिस्सों से अलग होता था। ऐसा इसलिए करते थे, ताकि उनकी हिम्मत बढ़ाई जा सके और जिहाद के प्रति उनका उत्साह बढ़ाया जा सके।التصنيفات
जिहाद के अहकाम तथा मसायल