यदि कोई व्यक्ति तुम्हारी अनुमति के बिना तुम्हें झाँके और तुम कंकड़ मारकर उसकी आँख फोड़ दो, तो तुम्हें कोई गुनाह न…

यदि कोई व्यक्ति तुम्हारी अनुमति के बिना तुम्हें झाँके और तुम कंकड़ मारकर उसकी आँख फोड़ दो, तो तुम्हें कोई गुनाह न होगा

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से मरफ़ूअन वर्णित है कि यदि कोई व्यक्ति तुम्हारी अनुमति के बिना तुम्हें झाँके और तुम कंकड़ मारकर उसकी आँख फोड़ दो, तो तुम्हें कोई गुनाह न होगा।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने बताया है कि यदि कोई इनसान किसी को उसकी अनुमति के बिना, उसके घर के द्वार से अथवा दीवार आदि के ऊपर से झाँके और वह उसकी ओर कंकड़ फेंककर उसकी आँख फोड़ दे या किसी लोहे से उसकी आँख को ज़ख़्मी कर दे, तो इस फोड़ने तथा ज़ख़्मी करने वाले पर न गुनाह है और न प्रतिकार। क्योंकि असल क़सूर झाँकने वाले का है।

التصنيفات

क़िसास, सलाम करने तथा प्रवेश की अनुमति लेने के आदाब