अल्लाह ने जितने भी नबी भेजे और जितने भी शासक बनाए, सबके दो प्रकार के सलाहकार होते हैं; एक वह सलाहकार जो भलाई का आदेश…

अल्लाह ने जितने भी नबी भेजे और जितने भी शासक बनाए, सबके दो प्रकार के सलाहकार होते हैं; एक वह सलाहकार जो भलाई का आदेश देता है और उसकी प्रेरणा देता है। दूसरा वह सलाहकार जो बुराई का आदेश देता है और उसी का प्रोत्साहन देता है

अबू सईद ख़ुदरी और अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहुमा) अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से वर्णन करते हुए कहते हैंः अल्लाह ने जितने भी नबी भेजे और जितने भी शासक बनाए, सबके दो प्रकार के सलाहकार होते हैं; एक वह सलाहकार जो भलाई का आदेश देता है और उसकी प्रेरणा देता है। दूसरा वह सलाहकार जो बुराई का आदेश देता है और उसी का प्रोत्साहन भी देता है। बच वही पाता है, जिसे अल्लाह बचा ले।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

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भलाई का आदेश देने तथा बुराई से रोकने की फ़ज़ीलत, जनता पर इमाम (शासनाध्यक्ष) का अधिकार