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लोगों से वही बात करो, जो वे समझ सकते हैं। क्या तुम चाहते हो कि अल्लाह तथा उसके रसूल को झुठलाया जाए?
लोगों से वही बात करो, जो वे समझ सकते हैं। क्या तुम चाहते हो कि अल्लाह तथा उसके रसूल को झुठलाया जाए?
अली बिन अबू तालिब (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैंः "लोगों से वही बात करो, जो वे समझ सकते हैं। क्या तुम चाहते हो कि अल्लाह एवं उसके रसूल को झुठलाया जाए?"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]
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अमीरुल मोमिनीन अली बिन अबी तालिब -रज़ियल्लाहु अनहु- का निर्देश है कि आम लोगों से वही बात करनी चाहिए, जो उनके समझने योग्य हो तथा उनके लिए लाभदायक हो। जैसे तौहीद एवं हलाल एवं हराम आदि इस्लाम की बुनियादी बातें तथा आदेश-निर्देश। कोई ऐसी बात नहीं करनी चाहिए, जो लोगों के लिए आवश्यक न हो या उनकी समझ से ऊपर होने की वजह से सत्य को ठुकराने का कारण बन जाए।التصنيفات
अल्लाह की ओर बुलाना