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जब पुरुष, स्त्री की चार शाखाओं के बीच बैठ जाए और उसको भैंचे तो स्नान आवश्यक हो जाता है।
जब पुरुष, स्त्री की चार शाखाओं के बीच बैठ जाए और उसको भैंचे तो स्नान आवश्यक हो जाता है।
अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जब पुरुष, स्त्री की चार शाखाओं के बीच बैठ जाए और उसको भैंचे तो स्नान आवश्यक हो जाता है। एक रिवायत में हैः " वीर्य का स्खलन न हुआ हो, तब भी।
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है। - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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जब पति पत्नी के दोनों हाथों तथा दोनों पैरों के बीच बैठ जाए और अपना जननेंद्रिय पत्नी की योनि में दाख़िल कर दे, तो दोनों पर जनाब का स्नान अनिवार्य हो जाता है; चाहे वीर्य का पतन हुआ हो या न हुआ हो। क्योंकि दाखिल करने मात्र ही स्नान अनिवार्य हो जाता है।التصنيفات
ग़ुस्ल अनिवार्य करने वाली चीज़ें