इसने कार्य थोड़ा किया और प्रतिफल बड़ा प्रदान किया गया।

इसने कार्य थोड़ा किया और प्रतिफल बड़ा प्रदान किया गया।

बरा बिन आज़िब- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास लोहे का कवच पहना हुआ एक व्यक्ति आया और बोलाः ऐ अल्लाह के रसूल, मैं युद्ध करूँ या इस्लाम ग्रहण करूँ? फ़रमायाः "इस्लाम ग्रहण करो, फिर युद्ध करो।" अतः, वह मुसलमान हो गया और उसके बाद युद्ध में शामिल हुआ और मारा गया। ऐसे में अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "इसने कार्य थोड़ा किया और प्रतिफल बड़ा प्रदान किया गया।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

सहाबा रज़ियल्लाहु अनहुम की फ़ज़ीलतें, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के द्वारा लड़े गए युद्ध एवं सैन्य कारर्वाइयाँ, जिहाद की फ़ज़ीलत