दंगा–फ़साद के समय इबादत करना, मेरी ओर हिजरत करने की तरह है

दंगा–फ़साद के समय इबादत करना, मेरी ओर हिजरत करने की तरह है

मअक़िल बिन यसार- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं किः अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः " दंगा–फ़साद के समय इबादत करना मेरी ओर हिजरत करने की तरह है।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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सुकर्मों की फ़ज़ीलतें